Song : Rahi
Band : Four2Six
Lyrics,
मंज़िलें बस अगर चाहने से ही मिल जाती,तो क्या था|
यह राहे बस पलक झपकते ही तय हो जाती, तो ्या था|
जो छूना हो उँचे मकामो को, तो गहराइयों से क्या डरना |
और चाहे कोई साथ हो ना हो तुम्हारे, इस राह मैं अकेले चलने से क्या डरना |
छोड़ ये दुनिया तू चला चल, एक नयी दुनिया तू बना चल |
छोड़ अपना सब कुछ तू चला चल चला चल, कुछ नया आज़माने को तू चला चल |
चाहे कोई भी ना हो, तेरे साथ ओ राही, तू चला चल चला चल,
ओ रही तू चला चल राही |
कहेगी ये दुनिया, लिखा हुआ है सब, चाहे भी तो तू मिटा ना सकेगा अब |
कहेगी ये दुनिया के मुश्किल डगर है, कमज़ोर है तू, तेरे बस मैं नही है |
पर सुन ले ओ राही, सुन ले ओ राही, तेरे हाथो से ही तो बनती तेरी कहानी,
तू खुद ही तो है अपने किस्मत की चाबी |
जब भी कभी कोशिशे करोगे, खुद को पहचान ने की,
कुछ नया आज़माने की, कुछ नया लिख जाने की |
लोग कहेंगे पागल, उड़ाएंगे मज़ाक, टोकेंगे तुम्हे, चाहेंगे रोकना ,
पर सुन ले ओ राही, तू रूकना ना, चलते ही तुझ को है जाना |
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March, 2015
Rock, Indie Rock, Progressive Rock, Alternative Rock
Comments
6 Comment
Esmayal
nice one
Dathanma
super work.
Bhaigo
Wowwwww it's osmm
Rudrappa
keep up the good work
Nnolla
Wowwwww it's osmm
Jarbandi
looped :)